Bhai Dooj 2022: इस बार बना है भाई दूज पर सर्वार्थ सिद्धि समेत तीन शुभ योग, जानें तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

Bhai Dooj 2022 Date And Shubh Muhurat: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल कार्तिक मा​ह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है. इसे यम द्वितीया, भाऊ बीज, भतरु द्वितीया आदि नामों से जाना जाता है. इस साल भाई दूज का त्योहार 27 अक्टूबर दिन गुरुवार को है. इस दिन बहनें अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित करती हैं, उनका तिलक करती हैं और उन्हें भोजन कराती हैं. बदले में भाई बहनों को उपहार देते हैं.  ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र बताते हैं कि इस साल भाई दूज पर सर्वार्थ सिद्धि समेत तीन शुभ योग बने हुए हैं. आइए जानते हैं इन शुभ योग और तिलक लगाने के मुहूर्त के बारे में.

भाई दूज 2022 तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त
27 अक्टूबर को भाई दूज के अवसर पर भाइयों को तिलक करने का शुभ समय दोहपर 01 बजकर 09 मिनट से दोपहर 03 बजकर 41 मिनट तक है. इस दिन करीब 02 घंटे 32 मिनट तक शुभ समय है.

भाई दूज 2022 का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का प्रारंभ 26 अक्टूबर दिन बुधवार को रात 09 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन 27 अक्टूबर गुरुवार को शाम 07 बजकर 15 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर भाई दूज का त्योहार 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा.

भाई दूज 2022 पर बने तीन शुभ योग
इस साल भाई दूज पर सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है, जो दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से अगले दिन 28 अक्टूबर शुक्रवार को सुबह 06 बजकर 30 मिनट तक है. इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं.

वहीं, भाई दूज के प्रात:काल से लेकर सुबह 07 बजकर 27 मिनट तक आयुष्मान योग बना है. उसके बाद से सौभाग्य योग का प्रारंभ हो जाएगा. सौभाग्य योग अगले दिन प्रात: 04 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. ये तीनों ही योग मांगलि​क कार्यों के लिए शुभ फलदायी होते हैं.

भाई दूज का महत्व
पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपनी बहन यमुना के ​निवेदन पर यमराज कार्तिक शुक्ल द्वितीया को उनके घर गए थे. तब भाई को देखकर यमुना अत्यंत ही प्रसन्न हुई थीं. उन्होंने स्वागत सत्कार करने के बाद यमराज को भोजन कराया, जिससे वे प्रसन्न हुए. विदा लेते समय यम ने यमुना से वरदान मांगने को कहा.

तब यमुना ने कहा कि आप हर साल इस दिन मेरे घर आएंगे. इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाएगा, तिलक लगवाएगा, भोजन ग्रहण करेगा, उसे यम के भय से मुक्ति मिलेगी. उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा. तब यमराज ने यमुना को यह वरदान दिया. तब ये भाई दूज या यम द्वितीया का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन यम की पूजा करने और यमुना नदी में स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

न्यूज़ सोर्स

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